Tuesday, August 27, 2019
Friday, August 2, 2019
मेरा-तुम्हारा था भी क्या, वैसे?
मैंने तुम्हारी बात मानी है
मैंने मनाया दिल को है कैसे
अब से रहो तुम खुश, जहाँ भी हो
मेरा-तुम्हारा था भी क्या, वैसे?
तू तो ख्यालों में साथ है....
रातें देंगी बता, नीदों में तेरी ही बात है
भूलूँ कैसे तुझे? तू तो ख्यालों में साथ है
क्यों बिछड़ना है जरूरी.....
है ये तड़पन, है ये उलझन
कैसे जी लूँ बिना तेरे?
मेरी अब सब से है अनबन
बनते क्यूँ ये खुदा मेरे?
बेखयाली में भी......
तेरी नज़दीकियों की ख़ुशी बेहिसाब थी
हिस्से में फ़ासले भी तेरे बेमिसाल आए
💔💔💔💔💔💔💔💔💔💔
रिश्तों के होते हुए..
'रिश्तों का,'ना होना' इतना 'तकलीफ़देह' नहीं'...
जितना, रिश्तों के होते हुए..'एहसास' का "मर" जाना"...!!
उस जैसा नहीं है...
कितनी अजीब है इस #शहर की तन्हाई भी...!!
हजारों लोग हैं मगर कोई #उस जैसा नहीं है...☆R
Subscribe to:
Posts (Atom)