Wednesday, May 29, 2019

अपनो से मिला क्या....



गैर तो गैर है गैरो से गिला क्या....
अपने तो अपने है
पर अपनो से मिला क्या....


वो मुस्कुरा दे बस



क्या दस्तख़त दूँ अपने वजूद का दोस्तो,
किसी के ज़हन में आऊं और वो मुस्कुरा दे बस यही काफी है...

Tuesday, May 28, 2019

बार-बार घायल हुए है हम



खंजर की क्या मज़ाल, कि एक ज़ख्म कर सके,,,,,,,,
तेरा ही ख़याल था, कि बार-बार घायल हुए है हम!!


Monday, May 27, 2019

हम खुद भी...



धीरे धीरे बहुत कुछ बदल जाता है…!

लोग भी…रिश्ते भी…और ,,,
कभी-कभी हम खुद भी...


Saturday, May 25, 2019

ज़िन्दगी में नही...!!



ख़्वाब सी होती हैं...कुछ यादें....

सिर्फ़ जेहन में ही रहती है...ज़िन्दगी में नही...!!

जो बेहद क़रीब थे...


आज तलाशने पे भी नहीं मिलते,

कल तलक़ कुछ लोग जो बेहद क़रीब थे...


Wednesday, May 22, 2019

#वहम



कहानी बनके जिए हैं, हम इस ज़माने में

तुमको सदियाँ लग जायेंगीं हमें भुलाने में।



Tuesday, May 21, 2019

छोड़ देंगे....!!


वो भूल जाने की वजह तो दे.....

हम याद करने का बहाना छोड़ देंगे....!!


Saturday, May 18, 2019

हर दिन आँसू बहाये हमने....


"हर सितम सह कर कितने ग़म छिपाये हमने;
तेरी खातिर हर दिन आँसू बहाये हमने;
तू छोड़ गया जहाँ हमें राहों में अकेला;
बस तेरे दिए ज़ख्म हर एक से छिपाए हमने।

Thursday, May 16, 2019

अंदाज-ए-नज़रअंदाज़ी



अंदाज-ए-नज़रअंदाज़ी
भी खूब रखते है वो..

न शिकवों का मौका देते है
ना मोहब्बतों का...

नजर अंदाज़ करते हो हमे..


आ गया है फर्क तुम्हारी नजरों में यकीनन…
अब एक खास अंदाज़ से नजर अंदाज़ करते हो हमे

मेरा इश्क़ बेवजह सा है....



एक सुकून सा मिलता है तुझे सोचने में भी,

फिर कैसे कह दूं मेरा इश्क़ बेवजह सा है।।

Sunday, May 12, 2019

प्यास होती है...


समंदर की आँखों में भी प्यास होती है
कभी कभी मेरी माँ भी उदास होती है!

Saturday, May 11, 2019

हम बात बदल देते हैं...,


“अब उसके ज़िक्र पे हम बात बदल देते हैं...,

कितनी रग़बत थी हमें...उस नाम से पहले।

Wednesday, May 8, 2019

बूरी आदत की तरह भूल जायेंगे


“उसने बेपरवाह होके किनारा किया है...,

हम भी उसे एक बूरी आदत की तरह भूल जायेंगे।”

इस हुनर से...


बताओ ना कैसे भुलाऊँ तुम्हे..

तुम तो वाक़िफ़ हो इस हुनर से...

Monday, May 6, 2019

उनकी फ़ितरत हैं.


मेरे जज़्बात की कदर ही कहाँ हैं.

सिर्फ इल्ज़ाम लगाना ही उनकी फ़ितरत हैं.


Thursday, May 2, 2019

आज फिर रात हो गई...


ग़ुमसुम सा ये दिन कब गुज़रा पता ही ना चला...

बस खोये थे तुम्हारे ख़्यालों में के आज फिर रात हो गई...