Saturday, November 22, 2014

Wednesday, November 19, 2014

इंतज़ार हा उसे अब मेरे डूब जाने का

जिसने हक़ दिया मूज़े मुस्कुराने का
उसे शौक ह अब मूज़े रुलाने का
जो लहरो से चीन कर लाया था किनरो पर
इंतज़ार हा उसे अब मेरे डूब जाने का

Tuesday, November 18, 2014

रोने को दिल चाहता है ...

"मत पूछ दास्ताँ ऐ_इश्क़,

बस जो रुलाता है,

उसी के गले लग कर,
रोने को दिल चाहता है ...!!!"

बस जिसे चाहते हैं उसी की कमी है....

 कुछ बिखरे सपने और आँखों में नमी है;
एक छोटा सा आसमान और उमीदों की ज़मीं है;
यूँ तो बहुत कुछ है ज़िंदगी में;
बस जिसे चाहते हैं उसी की कमी है।

मिल भी जाते है तो कटरा कर निकल जाते है......

 मिल भी जाते है तो कटरा कर निकल जाते है,
हाए मौसमकी तरह दोस्त बदल जाते है,
वो कभी अपनी जफ़ा पर ना हुए शर्मिंदा,
हम समझते रहे पत्थर भी पिघल जाते है,
उमर भर जिनकी वाफ़ाओं पे भरोसा करिए,

वक़्त पड़ने पर वोही लोग बदल जाते है…

मुझमें अब क्या बचा मेरा है।

तसव्वुर तेरा है, तरन्नुम तेरा है, 
आखों का हर ख्वाब तेरा है, 
तेरे जाने के बाद हम ये सोचते रह गए, 
मुझमें अब क्या बचा मेरा है।

हर खुशी जिसपे लूटा दी हमने…

अब के यूँ दिलको सज़ा दी हमने,
उसकी हर बात भुअल दी हमने,

एक एक फूल बहुत याद आया,
शाह-ए-गुल जब वो जला दी हमने,

कोई बात तो है उस में,

हर खुशी जिसपे लूटा दी हमने…