Tuesday, November 18, 2014

हर खुशी जिसपे लूटा दी हमने…

अब के यूँ दिलको सज़ा दी हमने,
उसकी हर बात भुअल दी हमने,

एक एक फूल बहुत याद आया,
शाह-ए-गुल जब वो जला दी हमने,

कोई बात तो है उस में,

हर खुशी जिसपे लूटा दी हमने…

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