Wednesday, January 28, 2015

घर की याद आई................

गगन में चंद्रमा है , चांदनी फैली चारों ओर ।

आधी रात में आई मेरे प्यारे घर की याद ।

रात भर सुनाई दी तोपों की आवाज ,

हर जगह धधकती धुआं अग्नि ।

दुश्मन के पंजों से भाग निकला ,

भटता फिरता दूर दराज समुद्र पारी ।

घर में वृद्ध वृद्धा तड़पती मेरी मां ,

दूर प्रदेश चले पुत्र की स्मृति सताई ।

गंगन में चमकता ठंडा चांद है ,

रात गहरी , घर की याद आई ।

Kya uss gali mein kabhi tera jaana hua.............


Kya uss gali mein kabhi tera jaana hua
Jahaan se zamaane ko guzre zamaana hua
Mera samay to wahin pe hai thehra hua
Bataaun tumhe kya mere sath kya kya hua

Mm.. Khamoshiyan ek raaz hai
Seene mein dafan hai kahin
Khamoshiyan jo paas hain
Main tumse kahunga kabhi
Baant lunga main, saath mein tere 
Milne to aao zara

Khamoshiyan teri meri khamoshiyan
Khamoshiyan lipti hui khamoshiyan

Friday, January 2, 2015

हम तो बस लिख देते हैं ....................

“हम तो बस लिख देते हैं जहन में आ जाता है
जो,
जुड़ जाता है आपके दिल से तो बस इत्तेफाक
समझिये…!
Gud morning

Thursday, January 1, 2015

कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं..............

मै यादों का किस्सा खोलूँ तो, कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं.
मै गुजरे पल को सोचूँ तो, कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं.
अब जाने कौन सी नगरी में, आबाद हैं जाकर मुद्दत से.
मै देर रात तक जागूँ तो, कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं.
.
कुछ बातें थीं फूलों जैसी, कुछ लहजे खुशबू जैसे थे,
मै शहर-ए-चमन में टहलूँ तो, कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं.
वो पल भर की नाराजगियाँ, और मान भी जाना पलभर में,
अब खुद से भी रूठूँ तो, कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं ...

दिल एक है तो.....

हर एक से तेरे ताल्लुक़ात मुझे गवारा नहीं,
जब दिल एक है तो फिर चाहतें बे-शुमार क्यों ?...

टूटे हुए सपनो...........

टूटे हुए सपनो और छुटे हुए अपनों ने मार दिया
वरना ख़ुशी खुद हमसे मुस्कुराना सिखने
आया करती थी..