Saturday, June 30, 2018

कुछ लोग मुझसे जलते हैं....



रहते हैं आस-पास ही लेकिन पास नहीं होते,

कुछ लोग मुझसे जलते हैं बस ख़ाक नहीं होते।
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तेरे हो जाते...



मर्ज़ी से अपनी, कहीं भी खो जाते...


हम अपने बस में ही कब थे कि तेरे हो जाते...


रिश्ते के लिए वक्त....

जब हम रिश्ते के लिए वक्त नही निकाल पाते है,

तो वक्त हमारे बीच से रिश्ते निकाल देता है |

इंतजार हमेशा रहेगा तुम्हारा



इंतजार हमेशा रहेगा तुम्हारा


पर कभी आवाज नहीं देंगे तुम्हें..!!
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💔




ख्वाहिशों से परहेज़



ज़िन्दगी ने मर्ज़ का क्या खूब इलाज सुझाया,

वक्त को दवा बताया ख्वाहिशों से परहेज़ बताया।



तुम्ही तुम थे..तुम्ही तुम हो..


मुकम्मल दास्तां कह दूं तो इतना ही काफी है.

तुम्ही तुम थे..तुम्ही तुम हो..तुम्ही तुम रहोगे..!!
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....मोहब्बत तो आज भी....



"बस रिश्ता ही तो टूटा है...,

मोहब्बत तो आज भी हमें उनसे बेपनाह है...!"

S😭R

मैं आज फिर तन्हा बैठकर...



“भर चुके जख्मों को कुरेद-कुरेद कर नोच रही हुँ,

मैं आज फिर तन्हा बैठकर...तुमको ही सोच रही हुँ...!”

💔मनीषा 💔

28-32 की उम्र के कुवारों लौंडो का जीवन



28-32 की उम्र के कुवारों लौंडो का जीवन भी अथाह झंड होता है। शादी हो नही रही होती, गर्लफ्रेंड मिलने की उम्मीद ना से भी कम होती है अौर अगर गर्लफ्रेंड हो तो निश्चित ही उसके घरवाले लौंडे की खाल मे मसाला भरने की ताड में होते हैं, किसी कालेज वाली लडकी तो देखें तो दुनिया इन्हें दरिंदा बुलाती है, अौर शादी शुदा को ताडें तो ये हवसी। ऊपर से बच्चे भैया की जगह अंकल बुलाने लग गये होते हैं।

28 से पहले उम्मीद है, 32 के बाद हिमालय अौर इनके बीच मे है जीवन का संघर्ष

😭😭😭😭😭😭😭


बड़ी ही अजीब भूल है तुम्हारी



हम भूलेगें और वो भी तुम्हें ....????

उफ्फ बड़ी ही अजीब भूल है तुम्हारी ...☆


R❤️S

बदल गए सब लोग



“बदल गए सब लोग आहिस्ता...आहिस्ता...,

अब तो अपना भी हक बनता है ।”

💔💔💔💔💔

गुरूर ओढ़े हुए कुछ रिश्ते....

रूबरू होने की तो छोड़िये, गुफ्तगू से भी कतराने लगे हैं.. गुरूर ओढ़े हुए कुछ रिश्ते, अपनी हैसियत पर इतराने लगे हैं। .💔💔💔💔💔💔💔

तुम्हें पाना जरुरी नहीं

सुनो जहां हो, जैसे हो, वहीं, वैसे ही रहना तुम,

तुम्हें पाना जरुरी नहीं तुम्हारा होना ही काफी है..

#Rahul

पत्थर भी पिघल जाते हैं...

वो कभी अपनी जफ़ा पर न हुआ शर्मिंदा...
हम समझते रहे पत्थर भी पिघल जाते हैं...
😔😔
ज़फा =सितम
🗿

किसी की नज़रों में …

बहुत ख़ास थे कभी हम किसी की नज़रों में …

मगर नज़रों के तकाज़े बदलने में देर ही कितनी लगती है।

मैं तेरा हो नही सकता.....

मिट्टी में मिला दे
की जुदा हो नही सकता

अब इससे ज्यादा
मैं तेरा हो नही सकता.......

मैं सुकून से सो जाऊँ...

“कभी यूँ भी हो कि वक्त पलट जाए...,

तुझे जगाये यादें मेरी....और मैं सुकून से सो जाऊँ...।”

Sunday, June 24, 2018

मेरी #मोहब्बत की मजार.


मेरी #मोहब्बत की मजार तो #आज भी वही पर है
बस तेरे #सजदे की जगह #बदल गयी है
S 💔 R