Dil Ki Baat
Saturday, June 30, 2018
मैं आज फिर तन्हा बैठकर...
“भर चुके जख्मों को कुरेद-कुरेद कर नोच रही हुँ,
मैं आज फिर तन्हा बैठकर...तुमको ही सोच रही हुँ...!”
💔मनीषा 💔
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