Dil Ki Baat
Tuesday, May 28, 2019
बार-बार घायल हुए है हम
खंजर की क्या मज़ाल, कि एक ज़ख्म कर सके,,,,,,,,
तेरा ही ख़याल था, कि बार-बार घायल हुए है हम!!
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