एक दर्द ही तो हैं,
जो कभी साथ नहीं छोड़ता...!
जो हर पल, उनके होने का,
अहसास दिलाता हैं....!!
वरना तो हम,
कब के बिछड़ जाते ...!!!!
दर्द तुझे भी होता है,
मुझे भी ज़्यादा
जानती हूं दिखता नहीं
दिखता है ख़ुद को बहुत मज़बूत
पर तु नहीं रह सकता मेरे बिना
ये जानती हूँ लाख छुपाये तू
ये बात मुझसे...
नाराज़गी, तुझ से नहीं रे पागल,
तेरी अदाओं से हैं...!
जो कभी तुम्हारी नज़ाकत थी,
अब मेरी आदत बन गई हैं...!
और ये आदत रह रह कर
तेरी याद दिलाती है
तू भले ही रहे मुझसे
कितना भी दूर पर
मेरा प्यार तुझे
मुझसे दूर रहने नहीं देगा
जानम..
मेरी मोहब्बत
मेरी रूह है......
#सिर्फतुम#