Sunday, August 26, 2012

मुझे अफ़सोस नहीं इसका..


मुझे अफ़सोस नहीं इसका..
की मैं राह हूं केवल…
किसी की मंज़िल नहीं…
गम है तो बस इतना की…
भूल जाते हैं राहें लोग…
मुझे अफ़सोस नहीं इसका..
की मैं साथी हूं केवल..
किसी की ज़िंदगी में शामिल नहीं..
गम है तो बस इतना..
साथ छोङ देते हैं लोग..
मुझे अफ़सोस नहीं इसका…
की मैं गुजरा पल हूं केवल..
जिसे तमाम उम्र हासिल नहीं..
गम है तो बस इतना..
गुजरा वक्त भूला देते हैं लोग…
“किसी और से नहीं पर खुद से गिला है मुझको,
शायद खुद मेरी वजह से मेरी ज़िन्दगी छोङ गई मुझको।”
मुझे अफ़सोस नहीं इसका..
की मैं राह हूं केवल…
किसी की मंज़िल नहीं…
गम है तो बस इतना की…
भूल जाते हैं राहें लोग…
मुझे अफ़सोस नहीं इसका..
की मैं साथी हूं केवल..
किसी की ज़िंदगी में शामिल नहीं..
गम है तो बस इतना..
साथ छोङ देते हैं लोग..
मुझे अफ़सोस नहीं इसका…
की मैं गुजरा पल हूं केवल..
जिसे तमाम उम्र हासिल नहीं..
गम है तो बस इतना..
गुजरा वक्त भूला देते हैं लोग…
“किसी और से नहीं पर खुद से गिला है मुझको, शायद खुद मेरी वजह से मेरी ज़िन्दगी छोङ गई मुझको।”

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