Monday, October 7, 2013

बदली सी एक लड़की

तुम लाख चाहे मेरी आफत में जान रखना 
पर अपने वास्ते भी कुछ इम्तिहान रखना 

केवल फकीरों को है ये कामयाबी हासिल 
मस्ती से जीना और खुश सारा जहान रखना 

बदली सी एक लड़की से कुल शहर खफा है 
वो चाहती है पलकों में आसमान रखना

अपने लिए है हिम्मत यूँ चोर बनके जीना
उसपे हुनर है हाकिम को मेहरबान रखना

वो शख्स काम का है, दो ऐब ये हैं उसमे
इक सर उठाना दूजा मुंह में जबान रखना 

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