Dil Ki Baat
Tuesday, December 10, 2013
मैंने जब भी चाहा सिर्फ, तुझे ही चाहा,
कभी तुझे भुलाना चाहा, कभी तुझे मनाना चाहा,
मैंने जब भी चाहा सिर्फ, तुझे ही चाहा,
जाने क्या बात लिखी थी मेरी किस्मत में,
तूने जब भी चाहा सिर्फ मुझे रुलाना ही चाहा.
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