Sunday, September 28, 2014

वो तो ज़माने को दिखाने के लिए रो रही है।

लम्हा लम्हा सांसें ख़तम हो रही हैं;
ज़िंदगी मौत के पहलू में सो रही है;
उस बेवफा से ना पूछो मेरी मौत की वजह;

वो तो ज़माने को दिखाने के लिए रो रही है।

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