Sunday, December 21, 2014

यह जिस्म तो किराये का घर है.......

यह जिस्म तो किराये का घर है;
एक दिन खाली करना पड़ेगा:!!
सांसे हो जाएँगी जब हमारी पूरी यहाँ; रूह
को तन से अलविदा कहना पड़ेगा:!!
वक्त नही है तो बच जायेगा गोली से भी;
समय आने पर ठोकर से मरना पड़ेगा:!!
मौत कोई रिश्वत लेती नही कभी;
सारी दौलत को छोंड़ के जाना पड़ेगा:!!
ना डर यूँ धूल के जरा से एहसास से तू; एक दिन
सबको मिट्टी में मिलना पड़ेगा:!!
सब याद करे दुनिया से जाने के बाद; दूसरों के
लिए भी थोडा जीना पड़ेगा:!!
मत कर गुरुर किसी भी बात का ए दोस्त:!
तेरा क्या है..? क्या साथ लेके
जाना पड़ेगा...!!
इन हाथो से करोड़ो कमा ले भले तू यहाँ...
खाली हाथ आया खाली हाथ
जाना पड़ेगा:!!
ना भर यूँ जेबें अपनी बेईमानी की दौलत से...
कफ़न को बगैर जेब के ही ओढ़ना पड़ेगा..!!
यह ना सोच तेरे बगैर कुछ नहीं होगा यहाँ;
रोज़ यहाँ किसी को 'आना'
तो किसी को 'जाना' पड़ेगा...!

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