Dil Ki Baat
Sunday, December 21, 2014
एक सबेरा था जब हम हस कर उठा करते थे ......
एक सबेरा था जब हम हस कर उठा करते थे ......
और अब तो बिन मुस्कुराये कई शाम गुजर जाती है ........
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