Thursday, February 5, 2015

Dedicated to all the "गली के टपोरी's"


शक्ल सुरत देखी नही
ना देखा कभी आईना
जब भी गली से गुजरता है
कहता है मै हु ना। 
ना भाव देती है चंद्रमुखी 
ना घास डालती है पारो
फीर भी style मे कहता है
जानम समझा करो। 
सडकछाप jeans पहनके
मुँह मे चबाता है chewing gum
हरकते है टपोरी जैसी
पर खुदको समझता है सिंघम। 
आँख मारके बोलता है
रानी कुछ कुछ होता है
भैया से मार पडी तो
पैर पकड़ के रोता है। 
हवा मे उडाके Bike
कहता है धूम मचाले
अरे आवारा लड़के
पहले फुटी कौडी कमाले।
वाह रे गली के आंशिक
तुझे तो इसीमे मजा है
पर तेरी गंदी हरकते
हर लड़की के लिए सजा है। 
लड़की पर गंदी बाते
ये मस्ती नही होती
कीसी भी लड़की की ईज्जत
इतनी सस्ती नही होती। 
एक बार सोचके देख
बदल के देख ये रवैया
कीसी छोटीसी बहन का तो
तु भी होगा भैया। 
अब तक चाहे गलत था
अब तो कुछ सीखले
मुश्किल नही है कुछ भी
खुद को बदल के देखले।
औरत की इज्जत करके देख
तुझे इज्जत मील जाएगी
जन्नत जानेकी सीडी
तेरे सामने खुल जाएगी। 

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