Dil Ki Baat
Wednesday, April 15, 2015
ये सजा ज़रा ज्यादा हो गयी..
मुझे मंजूर थे वक़्त के सब सितम मगर ,
तुमसे मिलकर
बिछड़ जाना, ये सजा ज़रा ज्यादा हो गयी..
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