Dil Ki Baat
Sunday, May 24, 2015
शीशा तेरा पत्थर मेरा...............
तू भी कभी महसूस कर क्या है बिखरने की तड़प.?
एक रोज़ बाज़ी यूँ सजे, शीशा तेरा पत्थर मेरा !!
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