Saturday, May 9, 2015

अब भी ताज़ा हैं जख्म.............

अब भी ताज़ा हैं जख्म सिने में !
बिन तेरे क्या रखा हैं जीने में...!!
हम तो जिन्दा हैं तेरा साथ पाने को !
वर्ना देर नहीं लगती हैं जहर पीने में !!

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