Thursday, September 17, 2015

#तरसते थे जो #हमसे #मिलने को ......

#तरसते थे जो #हमसे #मिलने को कभी, ना #जाने क्युँ आज #मेरे साऐ से भी वो #कतराते है,
हम भी वो ही है और #दिल भी वही है, ना जाने क्युँ #लोग #बदल जाते है...

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