Saturday, December 12, 2015

तेरी यादों की

धीरे- धीरे बढ़ती ठंड से खुद को बचा लेंगे,
जब भी चलेगी तन्हाई की हवा तेरी यादों की अंगीठी
सुलगा लेंगे...!

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