Thursday, December 31, 2015

दुआ दो इसको..............

रात ढलती है तो ढलने की दुआ दो इसको
सांस चलती है तो रुकने की दुआ दो इसको

तेरा दुश्मन तेरा दीवाना बना बैठा है
इस जमाने से उठने की दुआ दो इसको

धार सावन की निकलती है तेरी आंखों से
मेरे दरिया में बहने की दुआ दो इसको

एक साया सा तड़पता है जो चिराग तले
आग में डूबके मरने की दुआ दो इसको

No comments: