Friday, December 4, 2015

शायद फिर से वो पुराने दोस्त मिल जाएँ …..

शायद फिर वो तक़दीर मिल जाये ….. 
जीवन के वो हसीं पल मिल जाएँ… 
चल फिर से बैठें वो क्लास कि लास्ट बैंच पे…. 
शायद फिर से वो पुराने दोस्त मिल जाएँ …..
shayad fir bo takdir mil jaye ...
jivan ke bo hansi pal mil jaye,,
chal fir se baithe bo class ki last banch pe...

shayad fir se bo purane dost mil jaye ....

 

No comments: