Dil Ki Baat
Saturday, January 2, 2016
,,,उफ तेरी याद
,,,उफ कितनी ठंडी रूत
और तेरी यादों
के बादल
फिर भी किसी
आग में जैसे
रहा है मन जल
अब तो बुझे
तब ही ये आग
जब बरसे
तेरी चाहत
बनके जल
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