Dil Ki Baat
Sunday, February 7, 2016
यादों का सुखा गुलाब ............
“अब अपने होने का एहसास भी छिन लोगे....?
किताब-ए-दिल में अपनी यादों का सुखा गुलाब तो रहने दो...।”
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