Dil Ki Baat
Wednesday, February 3, 2016
खेल-ए-माेहब्बत में
जो अल्फाज वो लाये न लबो पे
बस इक नजर से बयां कर गये..
सीखा था ज़िन्दगी से
कुछ पाकर गुरूर न करना,
खेल-ए-माेहब्बत में
उन्हें पाकर गुमां कर गये...
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment