Dil Ki Baat
Wednesday, February 24, 2016
मै सहमी रहती हूँ ...........
ख़याल चलते है आगे आगे मैं उनकी छाव में चलती हूँ !!
न जाने किस मोम से बनी हु जो कतरा कतरा पिघल रही हूँ !!
मै सहमी रहती हूँ नींद में भी की कही कोई खव्वाब ना आ जाय !!
तेरे सपनो के सरहाने में मुझे जरासी नींद तो आने दे !!
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