Dil Ki Baat
Sunday, February 28, 2016
जूनून-ए-इश्क था तो...
“जूनून-ए-इश्क था तो...कट जाती थी रात ख्यालो में...,
सजा-ए-इश्क आयी तो हर लम्हा सदियों सा लगने लगा...।”
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