Friday, February 19, 2016

कोई आँसू बहाने वाला है..........

लज़्ज़ते ग़म बढ़ाने वाला है
आज वो मुस्कुराने वाला है
हाथ थामा है गैर का उसने
मुझसे दामन छुड़ाने वाला है
इश्क़ करते हैं लोग क्यों आखिर
दर्द जब ये बढ़ाने वाला है
मिल रही है ख़बर फ़िज़ाओं से
वो मेरे पास आने वाला है
फूल कलियाँ हैं शर्म से पानी
कोई चिलमन हटाने वाला है
मेरी ग़ज़लें हैं उसके होंटो पर
मेरी शौहरत बढाने वाला है
प्यार करता हूँ टूटकर जिसको
इक वही तो सताने वाला है
आज मौसम उदास है ....
कोई आँसू बहाने वाला है।

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