ना पाने की खुशी है कुछ,
ना खोने का ही कुछ गम है
ये दौलत और शौहरत सिर्फ
कुछ जख्मों का मरहम है
अजब सी कशमकश है
रोज जीने ,रोज मरने में
मुक्कमल जिंदगी तो है,
मगर पूरी से कुछ कम है
ना खोने का ही कुछ गम है
ये दौलत और शौहरत सिर्फ
कुछ जख्मों का मरहम है
अजब सी कशमकश है
रोज जीने ,रोज मरने में
मुक्कमल जिंदगी तो है,
मगर पूरी से कुछ कम है
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