Sunday, February 28, 2016

तुम्हेँ सुनाने के लिए...!!

इतनी बातेँ सोच रखी है तुम्हेँ सुनाने के लिए...!!
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लेकिन तुम हो कि आते ही नहीँ हो मनाने के

लिए...!!!

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