Wednesday, February 10, 2016

साथ दो या ना दो तुम्हारी मर्ज़ी....


तुम को तो जान से प्यारा बना लिया;
दिल क! सुकून आँख का तारा का बना लिया;
अब तुम साथ दो या ना दो तुम्हारी मर्ज़ी;
हम ने तो तुम्हें ज़िन्दगी का सहारा बना लिया।

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