Dil Ki Baat
Monday, March 14, 2016
बहोत कुछ छुपा लेती है…
एक हमारआँखे है जो सब कुछ बयां कर जाती है…
और एक कम्बखत आपकी हसी है जो बहोत कुछ छुपा लेती है…
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