Thursday, March 3, 2016

तू हर रोज नयी सी....

न तेरी अदा समझ में आती है, ना आदत....!

तू हर रोज नयी सी, मै हर रोज वही उलझा सा हूँ...!!

No comments:

t
a
a
B
i
K
l
i
D