Monday, March 28, 2016

जज़्बात अपने हों तो

इंसानों की इस दुनिया में, बस यही तो इक रोना है...
जज़्बात अपने हों तो ही जज़्बात हैं, दूजों के हों तो खिलौना हैं....

No comments: