Dil Ki Baat
Sunday, May 1, 2016
ये मुलाक़ात ज़रूरी थी बहुत
ख़त्म होती हुई इक शाम अधूरी थी बहुत
ज़िंदगी से ये मुलाक़ात ज़रूरी थी बहुत
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