Tuesday, May 31, 2016

इस कदर चारों ओर...

बिखरी पड़ी हैं तेरी यादें इस कदर चारों ओर...


मैं जिधर भी नजरें घुमाऊं तेरे सिवा कुछ नज़र नही आता. !


No comments: