Saturday, July 2, 2016

तुम सामने भी होंगे.....



कहाँ जानते थे कि रस्म-ए-उल्फ़त यूँ भी निभानी होगी,
तुम सामने भी होंगे और हमें नज़रे झुकानी होगी"" !!!



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