बुरा न मानो तो ये भी बता दूँ
अमन बिक रहे है चमन बिक रहे है,
लाशो से लेकर कफ़न बिक रहे है ।
इस पापी जुल्मी पेट के कारण ,
हसीनो के नाजुक बदन बिक रहे है।
और बुरा ना मानो तो ये भी बता दूँ ,
कि संतो के जप तप भजन बिक रहे है।।
गरीबो की दुनिया में इंसान रोता,
अमीरों की दुनिया में भगवान रोता।
दरोगा दीवानों की बर्दी है बिकती,
गुंडों की गुंडा गर्दी है बिकती।
बुरा न मानो तो ये भी बता दूँ ,
कमीनो के हाथों धर्म बिक रहे है।।
रचनाकार :- राजपाल मीना (पीलोदा)
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