Dil Ki Baat
Wednesday, October 26, 2016
खुश्बू तेरी इस तरह
वक्त गवाह नही बन पाया,
दर्द मिला था महसूस भी किया।
इश्क की खुश्बू तेरी इस तरह बिखरी,
सुर्ख आँखे पर दर्द कोई पहचान नही पाया।।
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