जाने वो कैसे लोग थे...जिनके प्यार को प्यार मिला।
हमने तो जब कलियाँ माँगी...काँटों का हार मिला।
निकल पड़े हम एक जूनून में...पर हमने क्या पाया?
ख़ुशियों की चाहत ने हमको दर दर भटकाया।
एक ग़म से निकले तो दूजा ग़म तैयार मिला,
हमने तो जब कलियाँ माँगी...काँटों का हार मिला।
जाने वो कैसे लोग थे...जिनके प्यार को प्यार मिला।
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