Monday, October 15, 2018

हम ताउम्र फरेब में रहे...


“तेरी बातों को वादा समझकर...हम ताउम्र फरेब में रहे...,

तुझे क्या मालूम कितना टूटे..कितना बिखरे..कितने अज़ाब में रहे।”

#अज़ाब- यातना,पीड़ा

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