Saturday, October 27, 2018

So true....


वो छोड़ मुझे इश्क निभा कर गया है
दे थपकी दिल को सुला कर गया है।

उसे ख़बर थी तूफां आएँगे भयंकर
जाते जाते चिराग बुझा कर गया है।

"वो चाहता था नए रंग हों दीवारों पे"
तस्वीरें सारी अपनी हटा कर गया है।

"नयी किसी दस्तक को शक न रहे"
हाथों की सारी छाप मिटा कर गया है।

घर में घुसते ही बिखेरे थे जो चावल
छत पे कबूतरों को खिला कर गया है।





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