Saturday, November 17, 2018

न जाने कितने रिश्ते ढह गए



“कुछ कह गए...कुछ सह गए...कुछ कहते कहते रह गए,

मैं सही...तुम गलत के खेल में,न जाने कितने रिश्ते ढह गए।”


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