Dil Ki Baat
Wednesday, December 12, 2018
सुनो जान
अब ये न पूछना की ये अल्फ़ाज़ कहाँ से लाता हूँ
कुछ चुराता हूँ दर्द दूसरों के, कुछ अपना हाल सुनाता हूँ
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