Sunday, January 5, 2020

...दरमियाँ बस यही बाक़ी है


“एक 'जीस्त' गुज़र गई है...ताल्लुक टूटे,

हम लिखते है...वो पढ़ते है...दरमियाँ बस यही बाक़ी है।”

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