Tuesday, March 24, 2020

...ठीक है क्या?

“किसी के दिल को अपना आशियाना बताकर, किरायेदार की तरह निकल जाना ...ठीक है क्या? किसी पर अपना सारा वक़्त लूटा कर, उसको कुछ मिनटों के लिए मिलने के लिए तडपाना...ठीक है क्या? किसी की उँगलियों में अपनी उँगलियां फ़ंसा कर, रेत की तरह फिसल जाना...ठीक है क्या?”


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