Thursday, April 2, 2020

खुद ही संभल जाऊं...

“यह दिल कहता है तेरे शहर में ठहर जाऊं, मगर हालात कहते हैं कि घर जाऊं तो बेहतर है। दिलों में फर्क आएंगे...ताल्लुक भी टूट जाएंगे, जो देखा जो सुना उससे मुकर जाऊं तो बेहतर है। यहां है कौन मेरा जो मुझे समझे मैं कोशिश करके, खुद ही संभल जाऊं तो बेहतर है ।”


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