Dil Ki Baat
Wednesday, January 13, 2021
तो भी यही इंतिज़ार होता...
“ये ना थी हमारी क़िस्मत कि दीदार-ए-यार होता,
अगर और जीते रहते...तो भी यही इंतिज़ार होता।”
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