अकेले बैठ कर #तुमको
कभी जब याद करती हूँ,
मैं #रोना #मुस्कुराना ,
दोनों एक साथ करती हूँ...
कभी #गुस्सा तो ...कभी
प्यार भी बेपनाह करती हुँ
देखो न मै तुम्हे किस कदर ...
#याद करती हूँ ...
भेजती हुँ #हिचकियों को
अपना मुखबिर बना कर ....
अहसास तुम्हे हो जाये कि बस मै तुम्हे ही ....
इश्क, मोहब्बत, ....#प्रेम
इबादत की तरह करती हूँ ।$
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